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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

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The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

मेरे महबूब मिला कर मुझसे और कहीं

कापीराइट गजल

अब महफूज नहीं है, ये आसमां ये जमीं
मेरे महबूब मिला कर, मुझ से और कहीं
मेरे महबूब ..........................


तुम भी गौर से सुन लो अय दुनियां वालो
कुछ भी नहीं है, बिन मोहब्बत के जिन्दगी
मेरे महबूब ...........................


नफरतों के माल तुम, खोल लेना कहीं भी
मोहब्बत के बिन यहां पर कोई जिन्दगी नहीं
मेरे महबूब ...........................


मोहब्बत की दुकान भी खोल कर
देख लो
मोहब्बत के सिवा जहां में है कुछ भी नहीं
मेरे महबूब ...........................


अंधेरा सा छा रहा है, हर और अब यहां
चल रहे हैं हम यहां पर कोई रास्ता
नहीं
मेरे महबूब ..........................


बहुत लोग हैं यहां पर तुमसे जलने वाले
प्यार करना यहां पर अब मुनासिब नहीं
मेरे महबूब ..........................


उम्र भर मोहब्बत को, गले लगा ले यादव
दुनियां में मोहब्बत के सिवा कुछ भी नहीं
मेरे महबूब ............................


यह रचना, रचनाकार के
सर्वाधिकार अधीन है


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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (4)

+

वन्दना सूद said

वाह sir वाह बहुत ही सुन्दर रचना के साथ बहुत ही सुन्दर सन्देश 🙌🏻🙌🏻👏👏

Lekhram Yadav replied

आदरणीय वन्दना जी आपको धन्यवाद सहित सुप्रभात एवं नमस्कार।

रीना कुमारी प्रजापत said

बहुत लोग है यहां तुमसे जलने वाले.... वाक़ई बहुत लोग है मुझसे जलने वाले🙏प्रणाम सुप्रभात, अति सुन्दर

Lekhram Yadav replied

जी हां मेरी प्यारी बहना जलने वाले तो बहुत हैं मगर क्या करें उन्हें झेलना तो पड़ेगा ही। आपको सुप्रभात सहित नमस्कार एवं प्रणाम।

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

Suprabhat yadav sir mehfil ka aagaz bahut khoob kya kahne hain...Jay ho Pranam sweekar karein adarneey

Lekhram Yadav replied

सुप्रभात सहित प्रणाम सर। आपका बहुत-बहुत धन्यवाद।

चित्रा बिष्ट said

Behad sundar khayalat

Lekhram Yadav replied

मेरी गजल और गीतों की इस छोटी सी दुनियां में स्वागत है आपका चित्रा जी। मेरी रचना आपको पसन्द आई, इसके लिए मुझे बेहद खुशी हुई। आशा है कि आप भिषय में भी मेरी रचनाओं को अपने स्नेह से यूं ही दुलारती रहेंगी। आपका बहुत-बहुत धन्यवाद।

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