कापीराइट गजल
अब महफूज नहीं है, ये आसमां ये जमीं
मेरे महबूब मिला कर, मुझ से और कहीं
मेरे महबूब ..........................
तुम भी गौर से सुन लो अय दुनियां वालो
कुछ भी नहीं है, बिन मोहब्बत के जिन्दगी
मेरे महबूब ...........................
नफरतों के माल तुम, खोल लेना कहीं भी
मोहब्बत के बिन यहां पर कोई जिन्दगी नहीं
मेरे महबूब ...........................
मोहब्बत की दुकान भी खोल कर
देख लो
मोहब्बत के सिवा जहां में है कुछ भी नहीं
मेरे महबूब ...........................
अंधेरा सा छा रहा है, हर और अब यहां
चल रहे हैं हम यहां पर कोई रास्ता
नहीं
मेरे महबूब ..........................
बहुत लोग हैं यहां पर तुमसे जलने वाले
प्यार करना यहां पर अब मुनासिब नहीं
मेरे महबूब ..........................
उम्र भर मोहब्बत को, गले लगा ले यादव
दुनियां में मोहब्बत के सिवा कुछ भी नहीं
मेरे महबूब ............................
सर्वाधिकार अधीन है

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




