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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayra By Reena Kumari PrajapatDastan-E-Shayra By Reena Kumari Prajapat

कविता की खुँटी

                    

मेहंदी

मेहंदी ने क्या खूब किसी को सजाया है,
जैसे चाॅंद उतर कर ज़मीं पर आया है।
चाॅंदनी पैरवी करती उसकी,
वाह! कैसा रूप निराला है ?

चाॅंद भी देख रहा ऊपर से इस चाॅंद को,
कर रहा उसका भी मन यहाॅं आने को।
सोच रहा कितनी मन भावन है इस मेहंदी की महक, जो पहुँच गई है मुझ तक।

मेहंदी भी मुस्कुरा रही देख इस चाॅंद को,
वो भी चमक रही देख अपनी खूबी को।
मंद- मंद मुस्कान लिए सोच रही मन ही मन,
वाह! क्या नज़ारा है ?

मेहंदी ने क्या खूब किसी को सजाया है,
जैसे चाॅंद उतर कर ज़मीं पर आया है।
चाॅंदनी भी इस चाॅंद पर फ़िदा हो गई,
वाह! कैसा ये आलम आया है ?

चाॅंदनी भी देख इस अप्सरा को,
आ गई खुद भी मेहंदी लगाने को।
सोच रही सजुॅंगी मैं भी इस मेहंदी से,
जिसने सजाया है इस अप्सरा को।

मेहंदी भी मुस्कुरा रही देख इस चाॅंद को,
वो भी बहुत खुश है देख अपनी खूबी को।
मंद - मंद मुस्कान लिए सोच रही मन ही मन
वाह! क्या नज़ारा है ?

🖋️ रीना कुमारी प्रजापत 🖋️




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (7)

+

Lekhram Yadav said

सुप्रभात मेरी प्यारी बहना। ये तो सुना था कि दिल को दिल से राह होती है, कल ही मैंने मेंहदी पर एक गजल लिखी और सोच रहे थे कि आपने अब तक इस पर कविता क्यों नहीं लिखी। मैं यह देख कर हैरान रह गया कि आज आपकी कविता इस पर प्रकाशित भी हो गई। आपको दिल से सादर प्रणाम।

रीना कुमारी प्रजापत replied

बहुत बहुत शुक्रिया भाईसाहब आपका ये कविता मैंने ढाई साल पहले लिखी थी लेकिन लिखंतु पर पब्लिश नहीं की थी और जैसे ही आपके मन में ये खयाल आया और उस खयाल ने मेरे मन में भी दस्तक दी और मैंने ये कविता पब्लिश कर दी 🙏प्रणाम स्वीकार करें

Arpita pandey said

मेहंदी को आपने बढ़ी खूबसूरती से पेश किया है आपने सादर प्रणाम

रीना कुमारी प्रजापत replied

शुक्रिया 🙏प्रणाम

कमलकांत घिरी said

वाह 👌✍️👏🙏

रीना कुमारी प्रजापत replied

🙏🙏🙏🙏

श्रेयसी said

Bahut khubsurat rachna 👌👌🙏🙏 waise aapko pata chala ki didu raani ki taraf se flying good night gaya tha aur usse pahle kuch der baaten bhi hui thi ek tarfaa 😂😂

रीना कुमारी प्रजापत replied

Ji didu raani hum jante hai apka flying good night mujhe mila tha par usase pahle Jo baate Hui thi wo ek tarafa nahi thi bulki hum bhi shamil the, kyonki jab bhi aap hume yaad karti hai hume achanak apki yaad aa jati hai, or hum bhi man hi man apse baaten kar lete hain, jab bhi apko meri yaad aaye ya Mera khyal aaye to samjhna ki hum bhi apko yaad kar rahe hai tabhi apko hum yaad aaye hain

रीना कुमारी प्रजापत replied

😊😊😊🙏🙏 बहुत बहुत आभार आपका

वन्दना सूद said

शब्दों से खेलना कोई आपसे सीखे 👏👏🙌🏻🙌🏻

रीना कुमारी प्रजापत replied

आपकी इतनी सुंदर प्रतिक्रिया पाकर हम धन्य हुए, दिल की गहराइयों से बहुत बहुत शुक्रिया आपका 🙏🙏😊😊

श्रेयसी said

Ha ye to hua hoga kunki Bina telipaithy ke to ye sambhaw nahi hai

Sanjay Srivastva said

मेहंदी.. उत्कृष्ट रचना

रीना कुमारी प्रजापत replied

Thanks ji

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