मस्ती में हैं बादल आज
बादल भी आज मस्ती में दिखते हैं,
रंग बदल-बदल हमारे भी मन को मचलाते है।
कभी गहरे काले मेघ बन,
बरसने की तैयारी में लगते हैं।
तो कभी छट कर नीले-नीले आसमान से,
सूरज की झलक दिखाला जाते हैं।
और कभी हवा को अपने में छुपाकर,
हर तरफ खामोशी कर देते हैं।
फिर कभी चित्रकार बन,ऐसी चित्रकला बनाते हैं कि
आसमाँ एक रंगों से भरी खूबसूरत छतरी सा प्रतीत होता है।
जो सारी धरती को अपने आगोश में समेटे हुए है।।
वन्दना सूद