जिनके राहों में रोड़े आये
उनका उफनाना तय समझो
जो धूप में आकर घबराये
उनका जल जाना तय समझो
जब आँसू पोंछने वाले ही
दुख दर्द का कारण बन जाये
तब कौन अपना कौन पराया
उसका टूट जाना तय समझो
हवा बहें शीतलता लेकर
नदी झील झरना सब जम जाये
मासूमियत रिश्तों में मर जाये
'उपदेश' का मरना तय समझो
- उपदेश कुमार शाक्यावार 'उपदेश'
गाजियाबाद