मर्यादा में रहना सीखा होता तो कोई बात होती।
जीने मरने की कसमों से कहाँ कोई बात होती।।
मोहब्बत बाँटना सीखा नही फरेब के आदी हो।
केवल अपना हक जताने से न कोई बात होती।।
इस तरह का तरीका उस मोड़ पर पहुँचाएगा।
जिस मोड़ पर 'उपदेश' तकरार की बात होती।।
जिन्दगी दो दिन की नहीं कई गम समेटे हुए।
मिलकर घबरा जाओगे फिर न कोई बात होती।।
- उपदेश कुमार शाक्य वार 'उपदेश'
गाजियाबाद

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



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