सूरज की तरफ ताकती रही, कुछ मछलियां,
सूरज की किरणों से जलती रही, कुछ मछलियां,
जिंदगी की भीख ईश्वर से मांगती रही, कुछ मछलियां,
पानी सूखता रहा, मरती, तड़पती रही, कुछ मछलियां,
पानी सूखने के इंतज़ार में थे बैठे, कुछ कौए
भूख से व्याकुल, परेशान थे, कुछ कौए
सूरज को धन्यवाद देते, भूखे, कुछ कौए
तड़पती मछलियां, नाचते कुछ कौए
सूखा पोखर, तड़प तड़प मरी कुछ मछलियां
दावत उनकी उड़ाते, खुश थे , कुछ कौए
प्रार्थना जीवन की करती करती मरी, कुछ मछलियां
धन्यवाद भोजन का देते देते उड़े, कुछ कौए