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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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कविता की खुँटी

                    

मनुष्य का मन - ताज मोहम्मद

मनुष्य का मन...
कौतूहल में कितना शान्त अशान्त रहता है।
एक द्वंद सा...
सदैव उसके जीवन में स्वतः चलता रहता है।

कितना सरल जीवन होता है,
जो प्रारम्भ में मनुष्य को मिलता है।

मनुष्य आदि से अ से ज्ञ तक पढता है,
इसी में उसका अतिरिक्त अनादि रचता है।

व्यक्ति स्वयं की त्रुटियों से,
जीवन को कितना कठिन बना देता है।
फिर...स्वयं के अतिरिक्त,
वह सभी पर दोष मढ़ता है।

सम्पूर्ण जीवन काल में...
मनुष्य चिंताओ की चिता में जलता है।
एक द्वंद सा...
सदैव उसके जीवन में स्वतः चलता रहता है।

हर पद ताल के जीवन में,
कर्तव्य कितने होते हैं।
सभी की आशाओं के अनुरूप,
मनुष्य जीवन कहाँ जीते हैं।

ना जानें भाग्य विधाता को, मन में
क्या थी सूझी।
जो उसने जीवन में,
विपत्तियों को देने की सोची।

स्वयं से विचार विमर्श करके,
मनुष्य खुद को समझा देता है।
और कुछ क्षण के लिए जीवन को,
समुद्र सा शान्त कर देता है।

सम्पूर्ण जीवन काल में...
मनुष्य चिंताओ के बवण्डर में रहता है।
एक द्वंद सा...
सदैव उसके जीवन में स्वतः चलता रहता है।

ताज मोहम्मद
लखनऊ




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (4)

+

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

बहुत खूब ताज साहब बहुत खूब लिखा लेकिन इन दो " मनुष्य आदि से अ से ज्ञ तक पढता है, इसी में उसका अतिरिक्त अनादि रचता है। " ka क्या ही कहना

ताज मोहम्मद replied

बस आप लोगों को पढ़कर कुछ लिखने की कोशिश करता हूं। आप लोगों का प्रेम ही मेरी लिखने की वजह है। शुक्रिया।

फ़िज़ा said

Behtreen@@

ताज मोहम्मद replied

बहुत बहुत शुक्रिया आपका।

Vineet Garg said

बहुत सुंदर रचना 🙏🙏

ताज मोहम्मद replied

धन्यवाद भाई जी।

Vineet Garg said

आप कवि सम्मेलन में हिस्सा लेते हैं? कभी आपको सुनने का अवसर मिलेगा तो अच्छा लगेगा. आप बहुत बेहतरीन लिखते हैं

ताज मोहम्मद replied

कभी भाई जी मौका ही नही मिला। बस यूं लिखता रहता हूं। बस आप लोगों का प्रेम और स्नेह हमेशा मुझ पर बना रहे यही चाहता हूं। शुक्रिया इतना सम्मन और प्रेम के लिए।

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