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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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The Flower of Word by Vedvyas MishraThe Flower of Word by Vedvyas Mishra
Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

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The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

आईना आज

आईना आज मुझे मेरा वजूद दिखा रहा था (2)
मुझसे मेरी पहचान करा रहा था,
मैं क्या हूॅं ये मुझे बता रहा था।

आईना आज मुझे उन हसीन पलों की
याद दिला रहा था (2)
मेरी दर्द भरी दास्तां की तस्वीरों को भी
आईना आज मुझे दिखा रहा था,
जुदाई में अपनों के चेहरे दिखा रहा था।

आईना आज अपनी पनाह में मुझे लिए बैठा था (2)
दुनियां की चकाचौंध से दूर रखे हुए था,
आज फ़ुर्सत में मुझे अपने पास बिठाए हुए था।

आईना आज मेरा अतीत मुझे दिखा रहा था (2)
किसने प्यार दिया,किसने दर्द दिया
आज ये मुझे बता रहा था,
बीती ज़िंदगी की याद दिला रहा था।

~रीना कुमारी प्रजापत






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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (5)

+

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

आईना ki alag alag daastaan hain ... Iski yeh dastan bhi sundar hai

रीना कुमारी प्रजापत replied

Thanku so much

फ़िज़ा said

Bahut khoob

रीना कुमारी प्रजापत replied

Thanks Fiza ji

वन्दना सूद said

क्या खूब लिखा 👏👏

रीना कुमारी प्रजापत replied

शुक्रिया जी

Devendra Yadav said

क्या खूब लिखा है इसके लिए तो तालियां होनी चाहिए 👏👏👏

रीना कुमारी प्रजापत replied

आपने मेरी कविता पढ़ी और उसे सराहा इसलिए दिल से बहुत बहुत आभार आपका 🙏

कमलकांत घिरी said

बहुत खूब लिखा मैम👌🙌👏

रीना कुमारी प्रजापत replied

Shukriya

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