आंगन से देखने से न दिखेगा।
छत पर आओ साफ दिखेगा।।
धूप सूरज से लो दुआ की तरह।
पेड की आड में साफ दिखेगा।।
प्यारी नजर भरकर देख लेना।
पलक उठते ही साफ दिखेगा।।
मेरी हालत गर्दिश में 'उपदेश'।
दिल की गहराई में साफ दिखेगा।।
- उपदेश कुमार शाक्यावार 'उपदेश'
गाजियाबाद