जो ढल गए क्या वह आएंगे,
....क्या फिर अपनों से मिल पाएँगे,
जो यादों में है ख़ुशी के पल,
....क्या फिर वापस आएंगे,
....क्या फिर वापस आएंगे,
दो पल का जीवन तमाम यादे जुडी हैं,
....जीवन में अब कसक सी बनी है,
क्या कभी हम मुस्कुराएंगे,
....क्या फिर अपनो से मिल पायेंगे,
....क्या फिर अपनो से मिल पायेंगे,
कवि राजू वर्मा
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