"मेरा महादेव"
मेरा महादेव आद्यशक्ति,
तथा काल ब्रह्मा नंदन हैं,
गणेश और कार्तिकेय ,
हमारे महादेव-पार्वती नंदन हैं।
कर में त्रिशूल, जटा में गंगा,
कंठ में विष का प्याला हैं,
जो चाहे मांग लो इससे,
मेरा महादेव, बडा भोला-भाला हैं।
विश्वामित्र का ज्ञान भी शिव हैं,
परशुराम का मान भी शिव हैं
कृष्ण-सुदर्शन में भी शिव हैं,
नारी का सम्मान भी शिव हैं।
सब कालों का काल ये हैं,
सबसे बड़ा महाकाल ये हैं,
बैठा हुआ कैलाश पर्वत पर,
रखवाला हमारा काल भैरव महाकाल हैं।
कहते हैं इनको शिव-शंकर,
कहते इनको त्रिपुरारी हैं
कृपा जो इनकी बनी रहें,
भक्त न फिर, कोई कष्ट सहे।
इनकी शरण में जो भी जाएं
होता उसका उद्धार,
भस्म रमाये तन पर,
नंदी इनकी सवारी हैं।
रचनाकार- पल्लवी श्रीवास्तव अरेराज, ममरखा.. पूर्वी चम्पारण (बिहार)