दवाई का असर देखो मौसम बदल रहा।
इशारे से बुलाओ चाँद अब भी टहल रहा।।
ट्यूशन लेना चाहता उसकी ही शर्तों पर।
उसने सरल सा रास्ता दिया मन मचल रहा।।
उस पल क्या महसूस होगा वही बताएगी।
हकीकत में मेरे मिलने का मसला चल रहा।।
इसी वज़ह से नींद आँखों में नही उतरती।
जी उठेगी तमन्ना इसलिए दिल उछल रहा।।
विस्तर पर करवटें बदलना जारी 'उपदेश'।
उसका ख्याल जाता नही मन में चल रहा।।
- उपदेश कुमार शाक्यावार 'उपदेश'
गाजियाबाद