मिलने का मन कर रहा क्या बात होगी।
पता ही नही जाने कब मुलाकात होगी।।
एक वक्त था खत लिखकर रख लेते थे।
अब मैसेज से जगा देने से आफत होगी।।
दिल तड़पता अक्सर इश्क निभाने पर।
अजीब लगता फोन लगाते ही बात होगी।।
कई राते बीत गई यादो को जलाते हुए।
रोशनी से डरने की पुरानी आदत होगी।।
इतना आसान कहाँ होता है भूल जाना।
दिल को दिल मिला 'उपदेश' राहत होगी।।
- उपदेश कुमार शाक्यावार 'उपदेश'
गाजियाबाद