है याद तुझे या भूल गई।
बचपन का प्यार हमारा था।
तेरे बिना मेरा और मेरा बिना तुम्हारा
नहीं कहीं गुज़ारा था।
अभी भी हैं वहीं रास्ते।
वहीं नुक्कड़
चाय की चुक्कड़।
वही पीपल
छांव शीतल ।
सुनहरी दोपहरी।
स्कूल की घंटी ।
हरे भरे खेत
टेंढी मेंढी पगडंडी।
वही पुराना माता
का मंदिर।
वही कुआं
जंजीर वही लंबी।
वही पहाड़
जो है गगनचुंबी।
वही बैलों की घुंघरू।
नाचते हम तुम बन
झूम झूम झुमरू।
है याद की तुम भूल गई
की किसी और के सपनों में खो गई।
है यकीं मुझे तुम्हें भी सब
याद होगा।
मोहब्बत के लिए दिल में
आग होगा।
मेरे लिए भी राग होगा।
उबल रहा जज़्बात होगा।
तो तू एक बार इशारा कर देना।
हूं मैं खड़ा उसी मोड़ पर
जहां से तुमने राहें अपनी मोड़ी थीं।
जहां पर साथ मेरा छोड़ी थीं।
अब मुड़ के देख लेना
मैं वहीं खड़ा मिलूंगा...
मैं वहीं खड़ा मिलूंगा...

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




