कविता : सब से प्यारा बचपन....
बचपन सब से
था बड़ा प्यारा
कभी हंस कर कभी
खेल कर गुजारा
जवानी में भी कई गर्ल फ्रेंड्स
को बाहों में भर ली
किसी से छेड़छाड़ किसी से
मजाक बहुत कर ली
फिर हुई शादी
फिर हो गए बच्चे
पहले तो वे
लगे बहुत अच्छे
उन्हीं को पढ़ाया
और लिखाया
फिर उन्हें मंजिल
पर पहुंचाया
जब बुढापा आया सभी ने
छोड़ा अकेले हो रहे
कहीं चल फिर भी सकते नहीं
बस अब तो रो रहे
कहीं चल फिर भी सकते नहीं
बस अब तो रो रहे.......
नोट : कृपया सभी बुजुर्ग
ध्यान दीजिए
अपने स्वास्थ्य का
ख्याल कीजिए
अपने स्वास्थ्य का
ख्याल कीजिए.......