New रचनाकारों के अनुरोध पर डुप्लीकेट रचना को हटाने के लिए डैशबोर्ड में अनपब्लिश एवं पब्लिश बटन के साथ साथ रचना में त्रुटि सुधार करने के लिए रचना को एडिट करने का फीचर जोड़ा गया है|
पटल में सुधार सम्बंधित आपके विचार सादर आमंत्रित हैं, आपके विचार पटल को सहजता पूर्ण उपयोगिता में सार्थक होते हैं|

Show your love with any amount — Keep Likhantu.com free, ad-free, and community-driven.

Show your love with any amount — Keep Likhantu.com free, ad-free, and community-driven.



The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

New रचनाकारों के अनुरोध पर डुप्लीकेट रचना को हटाने के लिए डैशबोर्ड में अनपब्लिश एवं पब्लिश बटन के साथ साथ रचना में त्रुटि सुधार करने के लिए रचना को एडिट करने का फीचर जोड़ा गया है|
पटल में सुधार सम्बंधित आपके विचार सादर आमंत्रित हैं, आपके विचार पटल को सहजता पूर्ण उपयोगिता में सार्थक होते हैं|

The Flower of Word by Vedvyas MishraThe Flower of Word by Vedvyas Mishra
Show your love with any amount — Keep Likhantu.com free, ad-free, and community-driven.

Show your love with any amount — Keep Likhantu.com free, ad-free, and community-driven.

Dastan-E-Shayra By Reena Kumari PrajapatDastan-E-Shayra By Reena Kumari Prajapat

कविता की खुँटी

                    

जब अपने ही अपने ना रहे

आज अपने ही अपने ना रहे,
तो परायों से क्या अपनेपन की उम्मीद लगाना(2)
जब अपने ही ना इंसाफ़ी पर उतर आए,
तो परायों से क्या इंसाफ़ की उम्मीद करना।

एक गलतफहमी में जी रहे थे हम
कि वो हमारे हैं(2)
पर सच तो आज पता चला
कि वो तो कभी हमारे थे ही नहीं।

आज वो अपना ही अपनों को बदनाम कर रहा है
आज वो अपना ही अपनों पर उंगली उठा रहा है,
आज कुछ ऐसा किया उस अपने ने
कि ये दिल बस रो ही रो रहा है।

आज अपने पराये बन गए
आज अपने ही दगा दे गए(2)
हमारे अपने ही हमारे बैरी से मिल गए,
आज वो अपने इतनी गहरी चोट हमारे दिल को दे गए।
💐 रीना कुमारी प्रजापत 💐




समीक्षा छोड़ने के लिए कृपया पहले रजिस्टर या लॉगिन करें

रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (6)

+

Lekhram Yadav said

मेरी प्यारी बहना सुबह की राम राम। हम जिनको अपना बनाते हैं और अपना कहते हैं हमेशा वही पराया कर देते हैं । आपने बहुत सुन्दर ढ़ंग से अपनी कविता में इस बात को पेश किया है।

रीना कुमारी प्रजापत replied

राम राम 🙏 बहुत बहुत धन्यवाद आपका

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

Waah ye mila kuch apna sa uttam rachna✍️👌👌🙏🙏 Pranam sweekar karein

रीना कुमारी प्रजापत replied

प्रणाम स्वीकार है 🙏 बहुत बहुत आभार आपका

Mohan Kumar said

Bahut achha likha mere man ki baat kah daali.

रीना कुमारी प्रजापत replied

बहुत बहुत धन्यवाद

Shyam Kumar said

Sach bat ha..dusro ke diye dard to bhulaye bhi jaaye pr apno ke diye dardo ka kya kare .

रीना कुमारी प्रजापत replied

जी बिल्कुल

रमेश चंद्र said

अपनों के दिए जख्म ज्यादा चुभते हैं दूसरों का तो क्या ही कसूर है

रीना कुमारी प्रजापत replied

दूसरो से क्या लेना देना.... शुक्रिया

फ़िज़ा said

Bahut khoob umda likha kayal hu aapki rachnaon ki

रीना कुमारी प्रजापत replied

बहुत बहुत शुक्रिया

कविताएं - शायरी - ग़ज़ल श्रेणी में अन्य रचनाऐं




लिखन्तु डॉट कॉम देगा आपको और आपकी रचनाओं को एक नया मुकाम - आप कविता, ग़ज़ल, शायरी, श्लोक, संस्कृत गीत, वास्तविक कहानियां, काल्पनिक कहानियां, कॉमिक्स, हाइकू कविता इत्यादि को हिंदी, संस्कृत, बांग्ला, उर्दू, इंग्लिश, सिंधी या अन्य किसी भाषा में भी likhantuofficial@gmail.com पर भेज सकते हैं।


लिखते रहिये, पढ़ते रहिये - लिखन्तु डॉट कॉम


© 2017 - 2025 लिखन्तु डॉट कॉम
Designed, Developed, Maintained & Powered By HTTPS://LETSWRITE.IN
Verified by:
Verified by Scam Adviser
   
Support Our Investors ABOUT US Feedback & Business रचना भेजें रजिस्टर लॉगिन