घोटाले बाज घोटाला करके,
ले गए दस-दस हजार।
लगाकर मौहर जाली,
नियुक्ति पत्र,
फर्जी थमा गए लंबरदार।
कागजों में करके हेरफेर,
नौकरी सरकारी पाई।
न जाने कितनों के हक की रोटी खाई।
भ्रष्टाचारी ही ,भ्रष्टाचार की जांच कर रहे हैं।
विडम्बना देखिए।
फर्जीवाड़े के आरोपी
एक दूसरे की जांच कर रहे हैं।
साक्ष्य गायब,
नोटों के इस खेल में
सता रहा डर,
पहुंच न जाए, जेल में।