महाराणा प्रताप जयंती
शिवानी जैन एडवोकेटbyss
मातृभूमि के गौरव की, वो अमर कहानी थे,
अरावली की चट्टानों से, ऊँचे इरादे धरे थे।
घास की रोटी खाई पर, स्वाभिमान न मोड़ा,
मुग़ल सल्तनत के आगे, कभी न मुख को तोड़ा।
हल्दीघाटी के रण में, अद्भुत शौर्य दिखाया,
अकेले तूफ़ानों से लड़े, कभी न डिगाया।
चेतक की स्वामी भक्ति, युगों तक गाई जाएगी,
वीरता की उनकी गाथा, हर हृदय में समाएगी।
आज उनकी जयंती है, प्रण लें हम सब मिलकर,
उनके आदर्शों पर चलें, निडर और होकर निर्भय।
स्वतंत्रता की उस लौ को, कभी न बुझने देंगे,
मातृभूमि के सम्मान में, हर पल हम जिएंगे।
वो तेज, वो संकल्प, युगों तक प्रेरणा देगा,
महाराणा का वो गौरव, सदा अमर रहेगा।