कापीराइट गजल
आओ सहारा बनें
आओ सहारा बनें हम उनका जिनका कोई सहारा न हो
आओ किनारा बनें उनका हम जिनका कोई किनारा न हो
जो टकराए हैं तूफां से, इस तरह से गम के समंदर में
उन्हें, दूर तलक कहीं कोई, जब लहरों का सहारा न हो
डूब, जाती हैं जो कश्तियां, अक्सर आकर किनारे पे यूं
ये होता है अक्सर जब उनको मिला कोई सहारा न हो
जरूरत होती नहीं सहारे की इस जिन्दगी में किसी को
गर इस तरह से गम ने उन सभी को ऐसे मारा न हो
अब, रहता है हर कोई यूं ही, इस सहारे की तलाश में
उसे मिला नहीं सहारा जिस ने किसी को भी पुकारा न हो
आ, बसाएं जहां ऐसा, जिस में सहारे को न तरसे कोई
इस, दुनियां में ना हो कोई भी ऐसा, जो अब हमारा न हो
अब हर शख्स को अपना तुम, बना लो यूं ही अय यादव
तुम बना जाओ सहारा उन सब का, जिनका सहारा न हो
- लेखराम यादव
( मौलिक रचना )
सर्वाधिकार अधीन है


The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra
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