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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayra By Reena Kumari PrajapatDastan-E-Shayra By Reena Kumari Prajapat

कविता की खुँटी

                    

माँ तुम मुझे... बहुत याद आती हो-ताज मोहम्मद

माँ तुम मुझे...
बहुत याद आती हो,
आंखों में मेरे...
तुम नीर ले आती हो।

जब ससुराल में सासू माँ की डांट पड़ती है।
तवे पर आटे की रोटी ना जब गोल बनती है।

तब माँ वह...
रसोई की तेरी सीख याद आती है,
माँ तुम मुझे...
बहुत याद आती हो।

माँ तुम कहती थी...
दूसरों के घर जाना,
स्वादिष्ट भोजन बनाना सीख ले।
बड़ी हो गयी हो मेरे घर से ही,
जिम्मेदारी उठाना सीख ले।।

वहाँ पर बाबा का प्रेम ना तुझको बचायेगा।
कोई भी ना तुझको माँ जैसा समझायेगा।।

उन स्मृतियों में...
मुझे सीख दे जाती हो,
माँ तुम मुझे...
बहुत याद आती हो।

माँ तुम कहती थी...
ससुराल को हर लडक़ी का,
कार्य ही बस भाता है।
तभी वह लड़की को,
हृदय से परिपूर्ण अपनाता है।।

मेरी अल्हड़ता को सांझ सवेरे टोकना।
अपनी सुघड़ता को मेरे अंदर डालना।।

आज वह सब याद आता है ।
मुझको तेरी स्मृति दिलाता है।।

तुम उन सब ...
स्मृतियों में बताती हो,
माँ तुम मुझे...
बहुत याद आती हो।

माँ तुम कहती थी...
स्वयं का कुछ नही होता है,
स्त्री का जीवन मे।
विशेष कर जब स्त्री हो,
पति के साथ सात वचन में।।

माँ तेरी घर की जब तक बिटिया थी।
सब के आंखों की प्यारी गुडिया थी।।

सहेलियों संग घुमा करती थी...
तेरे रसोई के काम ना करती थी...

शाम को बाबा को...
हर बात बताती थी
माँ तुम मुझे...
बहुत याद आती हो।

माँ तुम सही कहती थी...
अल्हड़ता बाबा के घर की स्वयं ही
चली जाती है।
कुशलता परिवार की जब लड़की को
आ जाती है।।

माँ तुम मुझे...
बहुत याद आती हो,
आंखों में मेरे...
तुम नीर ले आती हो।

ताज मोहम्मद
लखनऊ




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (4)

+

फ़िज़ा said

Umda!! Zanaab Bahut hi Bhavuk, Bahut Khoob Bayan Kiya

ताज मोहम्मद replied

शुक्रिया शुक्रिया तहे दिल से शुक्रिया आपका।

डॉ कृतिका सिंह said

मां जो कहती है सही कहती है और मां के बिना जीवन बहुत कठिन है मन है तो आपके आसपास भगवान है बहुत ही भावनात्मक रचना

ताज मोहम्मद replied

आप लोगों से बेहतर कौन जानता है। शुक्रिया जी।

Vineet Garg said

आपकी सारी कविताएं ही बहुत सुंदर होती हैं Magar yah aapki one of the best poem hai. आपके उज्जवल भविष्य के लिए आपको बहुत-बहुत शुभकामनाएं

ताज मोहम्मद replied

आपकी प्रतिक्रिया से मैं बहुत ही स्वयं को सम्मानित महसूस कर रहा हूं। आपका तहे दिल से शुक्रिया भाई जी।

वेदव्यास मिश्र said

माँ तुम सही कहती थी... अल्हड़ता बाबा के घर की स्वयं ही चली जाती है। कुशलता परिवार की जब लड़की को आ जाती है..बेहद भावुक करने वाला पंक्ति भाई ताज मोहम्मद जी !! वाकई, माँ बहुत याद आती है 💝💝

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