नेता से सामंत की दुरी
है बाकी और कितनी
नेता की आवाज़ उसका
रहन सहन ठाठ उसका
बता देता है इस लोकतंत्र
की है बाकी उम्र कितनी
जनता में फैली बेरोज़गारी
बता देती है इस लोकतंत्र
की बाकी है उम्र कितनी
नौकरशाह की गर्दन की
ऊंचाई , गले से लटकती
टाई और पेंट की करिज़
बता देती है इस लोकतंत्र
की बाकी है उम्र कितनी
देश की गरीबी कर्जे की
मज़बूरी और नेता और
उसके दोस्तों की अमीरी
बता देती है इस लोकतंत्र
की बाकी है उम्र कितनी
मजदूर की दिहाड़ी और
मालिक के मुनाफे की दुरी
बता देता है लोकतंत्र से
सामंतवाद की घटती दुरी
एक तिजोरी है देश की
एक तिजोरी है नेता की
एक तिजोरी है दोस्ती की
एक तिजोरी है नौकर की
किसमे माल बड़ा है
किसमे घटा है तुम्हारी
सोच में ही सामंती सोच
का बीज बोया जाता है
लोकतंत्र का शोषण
और अपना पोषण
सामंती धारा बहाने की
खातिर की किया जाता है
तुम भी कभी अपना पैमाना
लिकर मापों
क्या सचमुच लोकतंत्र और
सामंतवाद की दुरी घटी है