कुछ आहट सी हो, कोई साया तो नज़र आए..
वो न आए तो, फिर उनके आने की ख़बर आए..।
मैं नहीं कहता, मेरे दिल का दर्द जान लो मगर..
तब सम्भाल लेना, जब आंख में आंसू भर आए..।
माना कि बहुत मसरूफ़ियत है, ज़िंदगी में आपकी..
मगर उस राह धीरे चलना, जिस राह मेरा घर आए..।
रात के सीने से लगकर सोया है, सियाह अंधियारा..
आफताब देखना आज, कुछ उजली सी सहर आए..।
बदलते ज़माने के मिजाज़ से, हर कोई फिक्रमंद है..
हमारा तो यही दुआ है, कल आज से बेहतर आए..।
पवन कुमार "क्षितिज"

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




