मेरे लिखने की वजह तुम हो तुम्हारा प्यार।
जब से फितूर आया तब से चल रहा उधार।।
तेरे मन का शक-सुआ रुखसत नही होता।
तूँ क्या चाहती होगी अच्छी नही होगी हार।।
कोई तो बात होगी जिससे दुखी हुआ मन।
लाख जतन के बावजूद हमारा नही उद्धार।।
खूब कोशिश करने पर जलेबी बनाने लगती।
मिठी यादो में न रहती 'उपदेश' ऐसे उदगार।।