यक़ीनन वह केवल हिन्दू नहीं है
जीवन उनसे इलावा भी है
यकीनन वह मुस्लिम भी नहीं है
होता तो जीवन इसके इलावा न होता
यकीनन वह धर्मों के पिजरों में नहीं है
क्योंकि वह स्वछन्द फैला हर और है
यक़ीनन वह मानव निर्मित नहीं है
परिभाषाएं जो मानव ने उसकी की है
यक़ीनन उसकी नहीं है
छोड़ दो धर्म सारे तो भी वह उपलब्ध है
यकीनन नये हजारों धर्मो का सृजन भी
कर लो फिर भी वह पकड़ में आयेगा नहीं
यकीनन जो जीवन का यह प्रवाह है
उस पर धर्म कोई प्रभाव नहीं है
यकीनन बहुत छोटे है धर्म सारे
उसके आगे, उसके नियम अपने है
यक़ीनन उसके नियम धर्मों के नियमों
से भिन्न है क्योकि वह समस्त है