कापी राइट गीत
क्या कहूं आपसे दिल कहता है क्या
दूर इतना सनम, कोई, रहता है क्या
क्या बताऊं तुम्हें हाल दिल का सनम
दूर रहकर न कर इस दिल पर सितम
अब इतने सितम कोई सहता है क्या
दूर इतना सनम, कोई, रहता है क्या
क्या गजल मेरी तुमको बुलाती नहीं
क्या तुम्हें याद मेरी, अब आती नहीं
यूं फेर कर कोई नजरें जाता है क्या
दूर इतना सनम, कोई, रहता है क्या
एक वादा जो तुम ने किया था कभी
उस पर कदम तेरे बढ़ न पाए कभी
ऐसे वादे कोई करके मुकरता है क्या
दूर इतना सनम, कोई, रहता है क्या
तेरी, राहों में पलकें, बिछाई हैं हमने
ये, गलियां गजल से, सजाई हैं हमने
राह ऐसे तुम्हारी कोई तकता है क्या
दूर इतना सनम, कोई, रहता है क्या
- लेखराम यादव
( मौलिक रचना )
सर्वाधिकार अधीन है