कुंभ का महामेला- डॉ एच सी विपिन कुमार जैन "विख्यात "
प्रयाग संगम तीर पर, साधुओं का सागर है। कुंभ का महामेला, विश्व का अचरज अगर है। गंगा,यमुना, सरस्वती, तीनों का संगम।
धर्म और आस्था का, ये अद्भुत संगम।
लाखों श्रद्धालु आते, मन में पवित्र भाव।
धर्म का ज्ञान पाने, और मोक्ष का सागर।
नागा साधुओं का जमावड़ा, देखने को मिलता है।
अध्यात्म की गहराई, मन को छू लेती है।
मंदिरों की घंटी बजती, भजन की धुन गूंजती। आस्था की डोर बंधती, मन को शांत करती। सांस्कृतिक कार्यक्रम, रंग-बिरंगे झांकी।
देखने वालों को, करती है आकर्षित।
कुंभ का मेला, एकता का प्रतीक है।
सब धर्मों के लोग, यहाँ एक साथ मिलते हैं। जाति-पात का भेदभाव, यहां नहीं रहता।
सब एक हैं, ये संदेश, कुंभ देता है।
गंगा स्नान का महत्व, शास्त्रों में गाया गया। पापों का नाश होता, मन पवित्र हो जाता।
कुंभ का मेला, एक पवित्र तीर्थ है।
जहाँ मन को शांति मिलती, आत्मा को मुक्ति मिलती है।

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



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