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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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The Flower of Word by Vedvyas MishraThe Flower of Word by Vedvyas Mishra
Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

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The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

कौन है जो?

मेरी ख़ामोशी को कौन सुनेगा ?
मुझ बदनसीब को कौन अपना कहेगा ?
जब अपनों ने ही अपना ना माना मुझे,
तो फिर कौन है जो मुझे अपना मानेगा ?

मेरे दिल को कौन पढ़ेगा ?
मुझ नाचीज़ को कौन समझेगा ?
जब अपनों ने ही नहीं पहचाना मुझे,
तो फिर कौन है जो मुझे पहचानेगा ?

मेरे ज़ख्मों को कौन भरेगा ?
मुझ बदक़िस्मत को कौन आसरा देगा ?
जब अपनों ने ही नहीं अपनाया मुझे,
तो फिर कौन है जो मुझे अपनाएगा ?

मेरी रूह को कौन चाहेगा ?
मुझ अभागन के गमों को कौन अपना बनाएगा ?
जब अपनों ने ही रहने को एक कोना ना दिया,
तो फिर कौन है जो मुझे अपना मकाॅं देगा ?

~ रीना कुमारी प्रजापत




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (2)

+

Lekhram Yadav said

अपनापन, आशियां, पहचान और मकां उसी को मिलते हैं , जिसे खुद पर विश्वास हो और सकारात्मक सोच के साथ काम करता हो, आप अपनी तरफ से कोशिश जारी रखिए।

रीना कुमारी प्रजापत replied

Ji shukriya

उपदेश कुमार शाक्यावार said

बहुत खूबसूरत एवं लाज़वाब रचना 👌👌, आपको सादर प्रणाम 🙏🙏

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