कर्म धर्म ज्ञान ही सच हैं
जैसे शिव ही सत्य है सत्य ही सुन्दर
कुछ शब्दों को वापस लेलूं?
मचा ना देना कोई बवंडर
"कुछ शख्श मिले,
कुछ कह गए,
कुछ ध्यान दिया,
कुछ नहीं दिया,
थोड़ा सा सुना,
और नहीं सुना,
कुछ वक्त मिला,
आराम किया,
कुछ काम किया,
पर कर न सका,
जहाँ जाना था,
वहाँ जा न सका,
जहाँ आना था,
वहाँ आना सका,
कुछ शिकवे गिले,
पर कुछ भी नहीं,
कुछ भूल गया,
कुछ याद रखे,
याद रखे ये अच्छा किया,
याद रखे अब तक हैं रखे"
----अशोक कुमार पचौरी