संगति का प्रभाव
संगति और कुसंगति को क्या खूब समझाया शास्त्रों ने
पवन के संग से धूल आकाश पर चढ़ जाती
वही जल का संग पाकर कीचड़ में मिल जाती
कुसंग की ओट में धुआँ कालिख कहलाता
वहीं सुंदर स्याही होकर शब्दों में मुस्कुराता
वन्दना सूद
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