1
दिल का दर्पण ऐसे धुंधला हो गया है दोस्तों
हर ख़ुशी का अपनी तर्पण हो गया है दोस्तों
दर्द का आतंक इतना बढ़ रहा है हर तरफ से
बिन लड़े ही अपना समर्पण हो गया है दोस्तों. .
2
वतन पे जां क़ुरबान करने वालों को
ये जिन्दगी भी खुद सलाम करती है
हर देशवासी को उनपे रहता है नाज
हरेक पीढ़ी उनका एहतराम करती है..
3
जिंदगी की राह में फूल भी है शूल भी हैं दोस्तों
सिर्फ खुशबू ही नहीं शहर में धूल भी है दोस्तों
प्यार के वादों की चाँदनी है चार दिन की दास
दिलों के बीच मिलता अक्सर तूल भी है दोस्तों!
4
जाने क्यूँ हमारे सब रास्ते रुक जाते हैं
दिल के सारे ही अरमान बिखर जाते हैं
अंधेरा जिन्दगी का दूर नहीं होता कभी
हम जो दिए जलाते हैं वहीं बुझ जाते हैं..
5
मिलने जुलने के सभी आदाब पुराने हो गए हैं
इंसान की औकात के अंदाज पुराने हो गए हैं
अब यहाँ सजती नहीं हैँ वे महफ़िलें शाम को
दास सब दवाखाने अब तो मयखाने हो गए हैं..
6
पी के दिन रात अक्सर मचलते हैं कुछ लोग
मैखाने को घर अपना समझते हैं कुछ लोग
साकी ने जरा हँसके उन्हें जब जाम दे दिया
मयकशी को हर खुशी समझते हैं कुछ लोग!