कोई मुझे भी मोहब्बत सिखा दे ज़रा,
कोई नुस्खा ये राज़ बता दे ज़रा !!
मुझे आती नहीं इज़हरारे वफ़ा..
कर देती हैं आँखें उसी पल दगा !!
तेज हो जाती हैं मेरे दिल की धड़कन,
बढ़ जाती है मेरे मन की उलझन !!
कोई इससे भी आगे ले जाये ज़रा,
बोल्ड कोई तो मुझको बनाये ज़रा !
आज तक इस परीक्षा में हारा ही हूँ,
हूँ शादीशुदा पर कंवारा ही हूँ !!
आँख होते हुए थोड़ा अन्धा भी हूँ,
प्रेम में हारकर शर्मिन्दा भी हूँ !!
कोई रोड मुझे भी पार कराये ज़रा,
कोई बिगड़ी भी मेरी बना दे ज़रा !
ए जी..ओ जी में उमर बीती जा रही,
कोई आकर के जानू पुकारे ज़रा !!
आख़िरी बार हँसा हूँ मैं मंडप में यार,
कोई खुलकर के हँसना सिखाये ज़रा !!
सर्वाधिकार अधीन है