कितनी मुहब्बत है तुमसे,
शब्दों में कह पाना मुश्किल।
तुम्हारा नाम सुन कर ही,
जोरों से धड़कता है ये दिल।
भावों की नदी, हृदय सिंधु,
उच्छल-उच्छल बहते सलिल।
प्रेम भाव से जो डूबा इसमें,
सहजता ही प्राप्त हो साहिल।
मैं तुम्हारे और तुम मेरे,
हर साँस में रहते शामिल,
हमारा प्रेम जैसे जल-मीन,
बिन श्वास जीवन जटिल।
थामा हाथ मेरा उतार में,
एक दिन बनूँगा मैं काबिल।
चलना साथ मेरे उम्र भर,
मंजिल हो ही जाएगी हासिल।
तुम्हारी याद में लिखूँ जितना,
वो पंक्तियाँ लगती हैं जिंदादिल,
मेरी रचना की प्रेरणा स्रोत हो,
तुम्हारे बिना हो जाएं ये बेदिल।
🖊️सुभाष कुमार यादव

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




