हाय! टूटे हुए सपने सँवारेगा कौन।
बिछड़े हुए अपने मिलायेगा कौन।।
उम्मीदें टूटने का दर्द कहें किससे।
फिसलते वक्त में समझायेगा कौन।।
जो दिल का दर्द दे गया वह अपना।
जमाने की नजरो से बचायेगा कौन।।
तर्क-वितर्क तो चलते रहेगे 'उपदेश'।
तकरीर करके भाग्य बनायेगा कौन।।