सावन आये सावन आये
हरी भरी सी चादर ओढे,
धरती देख सबका मन डोले |
रिमझिम बूँदों की फ़ुहार ,
सावन का देखो आया त्यौहार |
तेज हवा से नाचे डाली ,
झूलों से सज गई गलियां सारी |
तीज का आया त्यौहार सुहाना,
मेहँदी हाथ पर जरूर रचाना |
सावन आया प्रेम है लाया ,
प्रकृति ने अपना जादू दिखाया |
ऐसा मौसम, ऐसा नजारा ,
सावन लगे है सबसे प्यारा |
गलियाँ पीहर की याद आएँ ,
चूड़ी खनके , पायल छन छन गाए |
घेवर की खुशबू मन को लुभाए ,
राखी का पवित्र त्यौहार यह लाए |
सावन आये सावन आये ,
सबके मन को यह खूब लुभाये |
शिल्पी चड्ढा