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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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The Flower of Word by Vedvyas MishraThe Flower of Word by Vedvyas Mishra
Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

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The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

किसी की रुसवाई है

आज ये जो महफ़िल तूने लगाई है,
लगता है इसमें उनकी रुसवाई है।
समझती थी मैं कि इस महफ़िल में तुम्हारी
सबसे ख़ास मैं ही हूॅं,
पर वो तो कोई और ही थी जिसके लिए
तूने आज ये महफ़िल सजाई है।

जब तक मैं जानी ना थी तेरे इरादे,
लग रहा था कि आज इस महफ़िल में
किसी की रुसवाई है।
पर जब देखा उसे साथ तेरे बनता तेरा
ख़ासम ख़ास,
तो पता चला यहाॅं किसी और की नहीं
फ़क़त मेरी ही रुसवाई है।

ये सब देखते हुए उनकी महफ़िल में
रुक ना पाए फिर हम,
और वहां से रुख़्सत हो लिए फिर हम।
खबर उन्हें हुई जब हमारी रवानगी की
वो आए महफ़िल छोड़ बीच रास्ते पूछने हमसे ये
कि यूं अचानक बिन बताए महफ़िल छोड़ने
की वजह क्या है?
हम उनसे कुछ कह ना पाए ना ही उनसे नज़रें
मिला पाए
और चल दिए फिर हम।

ग़लती इसमें उनकी नहीं थी,
प्यार ये एक तरफ़ा था।
खबर उन्हें ये थी ही नहीं
कि हम उन्हें चाहते हैं,
और हम समझे कि उन्हें सब पता था।

💐 रीना कुमारी प्रजापत 💐




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (3)

+

Lekhram Yadav said

सुप्रभात सहित नमस्कार मेरी प्यारी बहना, बहुत सुंदर रचना।

रीना कुमारी प्रजापत replied

Shukriya 🙏

श्रेयसी said

Bahut sundar rahnaa 🙏🙏

रीना कुमारी प्रजापत replied

🙏🙏

वन्दना सूद said

सुन्दर अभिव्यक्ति 👏👏

रीना कुमारी प्रजापत replied

Thanks ma'am

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