यह आखिरी फरमान है संभल जाइए
दहलीज पर तूफान है संभल जाइए ।।
ऊंची दुकान कब तक ऊंची बनी रहेगी
फीके हुऐ पकवान हैं संभल जाइए ।।
बदलो खुदा के वास्ते सड़ते हुए रिवाज
आवाम परेशान है संभल जाइए ।।
कुछ लोग आ गए जादू की छड़ी लेके
अब जंग का एलान है संभल जाइए।।
दिल में खोट है तो चेहरा नहीं खिलता
बेकार की मुस्कान है संभल जाइए ।।
है वक्त का तकाजा उसको मिले सजा
इंसान नही वो शैतान है संभल जाइए ।।
"दास"अपने गिरेबां में कभी तो झांकिए
यह वक्त का आह्वान है संभल जाइए ।।