बिना ईमां के कोई मुसलमाँ होता नहीं है।
न हो कुरान दिल में तो खुदा मिलता नहीं है।।1।।
क्यों ढूढता है तू ऐसे उनके मोजीजे को।
ये मोहम्मद का असर है जो दिखता नहीं है।।2।।
है खुदा के बाद नाम रसूले अकरम का।
यह वसीला किसी और को मिलता नहीं है।।3।।
कोई कह दे शिर्क करने वाले काफिरो से।
यह सर खुदा के बाद कहीं झुकता नहीं है।।4।।
इबादत से मिलता है सुकून जिंदगी में।
फिर तू क्यों खुदा की राह में चलता नहीं है।।5।।
है तुझे पता ही नहीं मां-बाप के वजूद का।
ये पूंछ उनसे जिन्हें ये साया मिलता नहीं है।।6।।
असर क्या है कलमें में तू पूंछ ना उससे।
उसे क्या पता जिसे वह कभी पढ़ता नहीं है।।7।।
मत पाल खुद में खुशफहमियाँ ऐ इन्सान।
गुलामे रसूल का दर्जा सबको मिलता नहीं है।।8।।
ताज मोहम्मद
लखनऊ

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




