तू पहला नहीं जिसकी आँखों से मैं ओझल रहती हूँ,
तुझसे पहले भी मैं कई नज़रों से ओझल थी।
तू पहला नहीं जिसकी यादों में मैं नहीं,
तुझसे पहले भी मैं किसी की याद में ना थी।
तेरे इतने चाहने वालों में से मेरा खो जाना वाजिब है,
तेरे इतने प्यार करने वालों में से मेरा प्यार तुझ तक
ना पहुॅंचना वाजिब है।
तू पहला नहीं जो इस तरह खुद आकर चला गया
मेरी ज़िंदगी से,
तुझसे पहले भी कितने ही गये हैं दिल तोड़के।
हर किसी पर उतना ही प्यार लुटाया था मैंने
जितना तुझपे लुटाया है।
पर हर किसी ने वैसे ही छोड़ा मुझे जैसे तुमने छोड़ा है।
🖊️ रीना कुमारी प्रजापत 🖊️