कविता - एक सवाल...
वह आई मेरे घर में
घर अंधेरी और काली है
आप आई घर में तो पूरा
घर जैसे कोई दीपावली है
वह मुझ से मिली
वह कितनी बदसूरत
आप मुझ से मिली तो
आप हो कितनी खूबसूरत
वह मेरे पास आई
उसका चेहरा कितना काला है
आप मेरे पास आई तो
आप का चेहरा कितना गोरा उजाला है
वह मेरे बगल में
वह कितनी कु - रूप है
आप मेरे बगल में तो
आप का क्या हंसी स्वरूप है
वह मेरे करीब में
वह भूखी नंगी है
आप मेरे करीब में तो
आप कितनी अच्छी चंगी है
वह मेरे साथ में
उसका बुरा हाल है
आप मेरे साथ में तो
आप की क्या मस्त चाल है
अगर वह और आप...
इकट्ठे हों तो बहुत बडा बवाल है
उसमें और आप में
सिर्फ यही तो एक सवाल है
उसमें और आप में
सिर्फ यही तो एक सवाल है.......