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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayra By Reena Kumari PrajapatDastan-E-Shayra By Reena Kumari Prajapat

कविता की खुँटी

                    

खुद ही चंदन - सुप्रिया साहू

खुद ही चंदन

मैं उसमें चंदन ढूंढ रही थी
वो खुद ही चंदन है प्रिये...।।
मैं भटकती पागलों की तरह,
वो मेरे पास खड़ा पेड़ की छाया प्रिये...।।

- सुप्रिया साहू




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (10)

+

मनोज कुमार सोनवानी "समदिल" said

वाह, सुंदर रचना, बधाई, गागर में सागर।

सुप्रिया साहू replied

बहुत बहुत आभार एवं धन्यवाद सर 🥰😊, आपको सादर प्रणाम 🙏🙏।

फ़िज़ा said

शानदार रचना

सुप्रिया साहू replied

बहुत बहुत शुक्रिया मैम 🥰😊, आपको सादर प्रणाम 🙏🙏।

पवन कुमार "क्षितिज" said

बेहतरीन 👌 वर्चुअल सम्मान मिलने की शुभकामनाएं सुप्रिया जी 👏👏

सुप्रिया साहू replied

बहुत बहुत आभार एवं धन्यवाद पवन सर 🥰😊, आपको सादर प्रणाम 🙏🙏।

Ankush Gupta said

उत्तम रचना बेहतरीन पंक्तियाँ

सुप्रिया साहू replied

बहुत बहुत आभार सहित धन्यवाद अंकुश सर 🥰😊, आपको सादर प्रणाम 🙏🙏।

अमित श्रीवास्तव said

वाह बहुत खूब लाज़वाब!!

सुप्रिया साहू replied

तहेदिल से आपका धन्यवाद अमित सर 🥰😊, आपको सादर प्रणाम 🙏🙏।

सुभाष कुमार यादव said

वाह!!👌👌

सुप्रिया साहू replied

बहुत बहुत आभार एवं शुक्रिया सर 🥰😊, आपको सादर प्रणाम 🙏🙏।

शिवचरण दास said

वाह वाह

सुप्रिया साहू replied

आपको हृदय से धन्यवाद दास सर 🥰😊, आपको सादर प्रणाम 🙏🙏।

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

Waah kya jazbaat hain मैं उसमें चंदन ढूंढ रही थी वो खुद ही चंदन है प्रिये bahut khoobsoorat ehsaas aur andaaze bayan... Aapko saadar pranam 🙏🙏

सुप्रिया साहू replied

इतनी प्यारी समीक्षा के लिए आपको हृदय से बहुत बहुत आभार एवं धन्यवाद अशोक सर 🥰😊, आपको सादर प्रणाम 🙏🙏।

श्रेयसी said

वाह बहुत सुंदर रचना 🙏🙏

सुप्रिया साहू replied

बहुत बहुत आभार एवं धन्यवाद मैम 🥰😊, आपको सादर प्रणाम 🙏🙏।

उपदेश कुमार शाक्यावार said

वाह बहुत ख़ूब 🙏🙏

सुप्रिया साहू replied

तहेदिल से आपका धन्यवाद सर 🥰😊, आपको सादर प्रणाम 🙏🙏।

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