अपनी रहमतों से हमें ऐसा झुका दिया
कि सांस सांस पर कर्ज़ा चढ़ा दिया
हमारे चंचल मन की डोर अपने ही हाथ में रखना
सुखों के पलों में खींच कर रखना
दुखों के पलों में थाम कर रखना
सांसें सीमित हैं,फिर भी उनकी गिनती नहीं रखते हैं ।
हरि नाम असीमित अन्नत है,फिर क्यों जपते हुए उनकी गिनती रखते हैं ॥
*********
वन्दना सूद
सर्वाधिकार अधीन है

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




