जिधर मेरी नजर जाती नजर कुछ नही आता।
अँधेरा इतना गहराया नजर नासिर नही आता।।
बिराना हुआ दिल एक मुसाफिर की बाट जोहे।
दरख़्त के साये में बैठा खुद का यार नही आता।।
किताबों से मुलाकात फिर सिलसिला उसका।
जवानी के अफ़साने वाला मुसाफिर नही आता।।
इन आँखों का क़ुसूर समझे या क़ुसूर अंधेरे का।
तरस खाता नही 'उपदेश' शायद प्यार नही आता।।
रोशनी धीमे-धीमे आएगी कहीं ठहरी लग रही।
सूरज भी बेवफा उसके बगैर सहर नही आता।।
- उपदेश कुमार शाक्यावार 'उपदेश'
गाजियाबाद

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



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