कविता : व्यर्थ....
दोस्ती में दरार हो तो ऐसी
दोस्ती का कोई अर्थ नहीं
प्यार में तकरार हो तो ऐसी
प्यार का कोई अर्थ नहीं
जहां पर होता
नहीं कुछ अर्थ
इसी को तो
कहते हैं व्यर्थ
इसी को तो
कहते हैं व्यर्थ.......
netra prasad gautam