रात मैने एक सपना देखा
सपने में एक हूर को देखा
हूर के चेहरे पे था चमका
मैंने हूर के नूर को देखा
जगमग जगमग नूर था उसका
पास से देखा दूर से देखा
होठ पे खिले गुलाब को देखा
महके हुए शुरुर को देखा
अलहड़ मस्त जवानी देखी
उसका खिलता चेहरा देखा
आँखों में थी छायी मस्ती
बहते हुए शबाब को देखा
बातों में नादानी देखी
खिल खिल करता चेहरा देखा
मेरे लिए पता नहीं क्या था?
अपने लिए गुरुर को देखा
उसकी काली जुल्फें देखी
उनका काला जादू देखा
बहती हुई हवा में मैंने
बहते हुए उस हूर को देखा
रात मैने एक सपना देखा
सपने में एक हूर को देखा
हूर के चेहरे पे था चमका
मैंने हूर के नूर को देखा
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The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




