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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayra By Reena Kumari PrajapatDastan-E-Shayra By Reena Kumari Prajapat

कविता की खुँटी

                    

कविता : शिकवा गिला....

कविता : शिकवा गिला....
सुख चाह
दुख मिला
खाना चाह
भूख मिला

फूल चाह
कांटा मिला
प्यार चाह
चांटा मिला

दोस्त चाह
दुश्मन मिला
सारा जीवन
कुछ न मिला

सब कुछ हुआ
ढीला ढीला
है इसी बात का
शिकवा गिला
है इसी बात का
शिकवा गिला.......

netra prasad gautam




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (2)

+

रीना कुमारी प्रजापत said

Bilkul sahi kaha sir apane yahi hota hai humare sath jo chahte hai hamesha uska ulta hi hota hai 🙏 बहुत सुंदर

नेत्र प्रसाद गौतम replied

नमस्कार रीना कुमारी जी प्रशंसा के लिए आप को बहुत बहुत धन्यवाद।

वन्दना सूद said

क्या बात 👌👌

नेत्र प्रसाद गौतम replied

नमस्कार वंदना जी प्रशंसा के लिए धन्यवाद।

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