दिल करता है सीने से लगा लूँ तुम को।
प्यार का हक दो गोद में उठा लूँ तुम को।।
तेज बारिश हो और घर में रह जाऊँ मैं।
नज़ारा दिखाकर बला से बचा लूँ तुम को।।
चोंच से चोंच लड़ाने का मजा तुम्हीं से है।
घर के हर कोने में प्रेम से बुला लूँ तुम को।।
होगी अधूरी दुआ जिससे मिले हम से तुम।
अब तो हर रोज पलकों में छुपा लूँ तुम को।।
प्यार इतना करूँ फिर भी दिल न भरे मेरा।
अपनी साँसों में 'उपदेश' बसा लूँ तुम को।।
- उपदेश कुमार शाक्यावार 'उपदेश'
गाजियाबाद