कविता : शांति की बात करो....
यहां दबाने की न बात करो
यहां उठाने की बात करो
यहां जलाने की न बात करो
यहां बुझाने की बात करो
यहां सुलाने की न बात करो
यहां जगाने की बात करो
यहां आराम की न बात करो
यहां काम की बात करो
यहां लड़ाने की न बात करो
यहां पढ़ाने की बात करो
यहां फूटाने की न बात करो
यहां जुटाने की बात करो
यहां अत्याचार की न बात करो
यहां शिष्टाचार की बात करो
यहां हिंसा की न बात करो
यहां अहिंसा की बात करो
यहां अशांति की न बात करो
यहां शांति की बात करो
यहां विनाश की न बात करो
यहां विकाश की बात करो
यहां उजाड़ने की न बात करो
यहां बसाने की बात करो
यहां भिड़ाने की न बात करो
यहां मिलाने की बात करो
यहां रुलाने की न बात करो
यहां हंसाने की बात करो
यहां मरवाने की न बात करो
यहां बचाने की बात करो
यहां बचाने की बात करो....
netra prasad gautam