क्या हो सकता है ऐसा भी,
हर सुबह शाम हो यज्ञ पर्व ,पावन वेदी सजबाई जाए
वेदों का हो मंत्रगान , सबसे आहुति डलवाई जाए
हो चारो तरफ मंत्रों की छाया , स्वस्थ शरीर निरोगी काया
प्रफुल्लित हो सबका तन मन , खुशियों भरा सुनहरा जीवन
सहसा सोचा मैने वैसे ही ,क्या हो सकता है ऐसा भी

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




