वक्त ग़लत है, दौर बुरा है,
प्यारी बातें ना करना।
झूठ है बिखरा, छल हावी है,
सच्ची बातें ना करना।।
किसने थामा हाथ तुम्हारा,
किसने चूमा दुःख में माथा।
कौन खड़ा था हर मुश्किल में,
किसने जोड़े रखा नाता।।
किसने पोंछे आँसू बहते,
किसने तुमको शाँत किया।
उनको देना खूब दुआएं,
खुशियों वाली बातें करना।।
मीत वही है, मित्र वही है,
जो पीड़ा में काम आता।
घायल मन तुमसे 'उपदेश',
अच्छा लगता बाते करना।।
- उपदेश कुमार शाक्यावार 'उपदेश'
गाजियाबाद