कविता : पैसा....
यहां पैसे के बगैर न
साहस न दम होती है
मगर पैसा जितना भी हो
वो सभी को कम होती है
काश आज के जमाने में
पैसा न होता
हर इंसान आराम और चैन
की निंद सोता
हर इंसान आराम और चैन
की निंद सोता.......